क्या IVF में सफलता की गारंटी दी जा सकती है?
इस तरह के सवाल का जवाब लगभग हर किसी को पता होता है, मेडिकल क्षेत्र में किसी प्रकार की गारंटी नहीं होती है। एक साधारण-सा उदाहरण है कि अगर किसी को पथरी हो गई है और उसे सर्जरी करानी पड़ेगी तो उसके लिए भी अस्पताल रिश्तदारों से एनओसी पर साइन करवाते हैं। ऐसे में यह पुछना कि “क्या IVF में सफलता की गारंटी दी जा सकती है?” बताता है कि आपको आईवीएफ के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। अगर आप आईवीएफ इलाज कराना चाहते हैं, दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र(ivf centre in delhi ncr) में आपको आवश्यक सहायता और मार्गदर्शन दोनों मिलेगा।
आपको बता दें कि आईवीएफ में सफलता सिर्फ इलाज मात्र से ही नहीं पूरा हो जाता है। आईवीएफ की सफलता के लिए महीनों का समय लगता है, और इलाज को सफल बनाने के लिए आपके डॉक्टर के साथ आपको भी तत्पर रहना पड़ता है। आईवीएफ इलाज से लेकर सफलता तक उपचार प्रक्रिया और दवाओं के अलावा भी कई कारक शामिल होते हैं, ऐसे में आईवीएफ सफलता की गारंटी देने के बारे में कोई सोचता भी नहीं है। आईवीएफ उपचार में एक बार भ्रूण स्थानांतरण के बाद डॉक्टर का रोल लगभग खत्म हो जाता है, और इसके बाद इलाज की सफलता सही मायनो में आप पर ही सबसे ज्यादा निर्भर करती है।
गर्भधारण करने से लेकर बच्चे को जन्म देने तक सारा भार आप पर ही होता है, और आपके लिए सबसे जरूरी होता है कि इस 9 महीने के दौरान सकारात्मक और सक्रिय रहें। मातृत्व को प्राप्त करना एक जटिल रास्ते पर चलने जैसा है, और इसके लिए आपको मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत रहना जरूरी हो जाता है। आईवीएफ सफलता आप और आपके डॉक्टर के अलावा भी कुछ कारकों पर निर्भर करता है, और उन कारकों के एक साथ आ जाने पर सफलता का चांस बढ़ जाता है। और वो कारक है – उम्र और आईवीएफ चक्र, सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ अस्पताल का चुनाव, लेटेस्ट एआरटी विकल्प, भ्रूण स्थानांतरण के बाद का वक्त और कुछ पदार्थों से बचें।
आईए समझते हैं किस प्रकार से यह कारक आईवीएफ सफलता की चांस को बढ़ाएगा।
उम्र और आईवीएफ चक्र(Age and IVF cycle) – इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि समय के साथ हमारी प्रजनन क्षमता प्रभावित होने लगता है, और 20 से 30 की उम्र में हमारी प्रजनन क्षमता शिखर पर होती है। लेकिन आज के दौर में शादी की उम्र बढ़ गई है और साथ में कंसीव की उम्र बढ़ गई है। ऐसे में आईवीएफ सफलता भी उम्र पर निर्भर करता है। फैक्टस की माने तो अगर आप 35 की उम्र में आईवीएफ इलाज करवाती हैं तो सफलता का चांस ज्यादा होता है, और जैसे-जैसे उम्र कम होती जाती है सफलता चांस और दर दोनों कम होने लगता है।
बात करें आईवीएफ चक्र की तो आपको बता दें कि इसमें भी उम्र फैक्टर अहम किरदार होता है। अध्ययन के अनुसार 35 वर्ष से कम आयु की महिलाओं को पहली आईवीएफ चक्र में सबसे अधिक सफलता मिलती है, लेकिन 35 से 37 वर्ष की आयु के बीच भी सफलता की दर 40.5% है। 38 से 40 वर्ष की आयु वाली महिलाओं की सफलता दर कम 26% है। एक कपल 3 से 4 बार ही आईवीएफ इलाज करवा सकता है, और इस दौरान अगर सफलता नहीं मिलती है तो आपको ऐग डोनर की सलाह दी जाती है।
सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ अस्पताल का चुनाव(Choosing the best IVF hospital) – अगर आप चाहते हैं कि आपको आईवीएफ इलाज में सफलता मिले तो आपके लिए अहम हो जाता है कि आप सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ सेंटर को चुने। सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ सेंटर का चुनाव करने से मतलब है कि आपको अनुभवी डॉक्टर, पॉकेट फ्रेंडली लागत और सही सफलता दर मिल जाती है। अनुभवी डॉक्टर इलाज से लेकर बच्चे को जन्म देने तक हरेक फेज से वाकिफ होते हैं और आपके हरेक बदलते लक्षण को लेकर सलाह देता है। अनुभवी डॉक्टर अपने मरीज को बेस्ट सहायता प्रदान करता है, ताकी आपको सही रिजल्ट मिले।
इसके अलावा आईवीएफ इलाज को लेकर जो झुठ फैली हुई है समाज में कि बहुत मंहगा होता है, उसे भी सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ अस्पताल में निरस्त हो जाता है। बात करें बेबी जॉय आईवीएफ सेंटर कि तो यहां पर आपको इलाज पर ऑफर प्रदान किया जाता है जिससे आपके लिए इलाज करा पाना आसान हो जाता है। इसके साथ ही सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ अस्पताल के साथ आपको सफलता दर उचित मिलती है, जिसका मतलब है कि इस बात का चांस ज्यादा है कि आपको इलाज में सफलता मिलेगी। और इसलिए अगर आप इलाज के लिए तैयार हैं तो सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ अस्पताल को ही चुनें।
अगर आप संतानप्राप्ती के लिए आईवीएफ उपचार कराना चाहते हैं, तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Cost in Delhi) आपके लिए किफायती होगा।
लेटेस्ट एआरटी विकल्प(Latest ART Options) – बढ़ते समय के साथ प्रजनन उपचार को और बेहतर बनाने के लिए एआरटी में कुछ प्रजनन उपचार विकल्पों को जोड़ा गया है। जैसे – एआई का इस्तेमाल, टाइम-लैप्स भ्रूण निगरानी, प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग और लेजर अस्सिटेड हैचिंग। इन विकल्पों के जुड़ जाने से एआरटी और भी ज्यादा सटीक हो गया है, जो एक डॉक्टर और मरीज दोनों के लिए बेहतर है। टाइम-लैप्स भ्रूण निगरानी का इस्तेमाल करके आप जान सकते हैं कि आने वाले समय भ्रूण किस तरह से रिएक्ट करने वाला हैं और आपके लिए सही भ्रूण का चुनाव आसान हो जाता है।
इसके अलावा अगर कोई अनुवांशिक रूप से बांझपन की समस्या से जुझ रहा है तो प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग से पता किया जा सकता है, ताकी जब प्रजनन उपचार के लिए आगे बढ़े तो सही उपचार विकल्प के साथ बढ़ें, जिससे रिजल्ट आपके फेवर में हो।
भ्रूण स्थानांतरण के बाद का वक्त(Time after embryo transfer) – भ्रूण के तैयार हो जाने के बाद, उसे गर्भाश्य में स्थानांतरित कर दिया जाता है। जिसके बाद भ्रूण अपने सेल से बाहर निकलकर गर्भाशय की दीवार के साथ प्रत्यारोपित हो और गर्भधारण को मुमकिन बनाए। इस प्रक्रिया के बाद डॉक्टर आपको कुछ सलाह देते हैं ताकी आपको इलाज में सफलता मिले। सलाह – रोजाना व्यायाम, पौष्टीक आहार का सेवन, तनावमुक्त रहें और उचित आराम करें।
यह सभी चीजें गर्भावस्था दौरान आपके लिए मददगार साबित होगी, और आपको सक्रिय रखेगा। जिससे गर्भपात का डर कम हो जाता है, और सफलता की चांस बढ़ती है। हम सभी जानते हैं कि बच्चे का मष्तिक विकास गर्भावस्था से ही शुरु होता है, ऐसे में गर्भावस्था के दौरान पौष्टीक आहार का सेवन आपके साथ-साथ आपके बच्चे के लिए भी लाभकारी साबित होगा।
कुछ पदार्थों से बचें(Avoid certain substances) – आईवीएफ की सफलता के लिए आपको कुछ पदार्थों के सेवन से दूर रहने की जरूरत है। जैसे – धूम्रपान और शराब का सेवन और फास्ट और जंक फूड का सेवन। हम सभी जानते हैं कि धूम्रपान का अत्यधिक सेवन शुक्राणु को सीधे तौर पर प्रभावित करती है जो आपके लिए समस्या का विषय बन सकता है। इसके अलावा फास्ट और जंक फूड का सेवन हमारे सेहत के साथ-साथ हमारी प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता है। इस तरह की पदार्थों का सेवन आईवीएफ सफलता को प्रभावित करता है, और आपको बांझपन के तरफ धकेलता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आईवीएफ सफलता की गारंटी देना...खुद को अधिमुल्यांकन करने जैसा हो जाएगा, और सही मायने में मेडिकल क्षेत्र में गारंटी जैसी कोई चीज नहीं होती है...यह आपको समझने की जरूरत है। अगर आप चाहते हैं कि आपको आईवीएफ इलाज में सफलता मिलनी चाहिए तो आपको कारकों पर काम करना होगा और यह सभी प्रक्रिया सफलता का चांस बढ़ाती है। आईवीएफ सफलता इन कारकों के साथ-साथ आप पर और आपके डॉक्टर पर काफी हद तक निर्भर करता है।
मातृत्व को पाने का मतलब है...जीवन की एक और परीक्षा में सफल होना और परीक्षा में सफल होने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है...इतना हम सभी जानते हैं। अगर आप आईवीएफ इलाज कराना चाहते हैं, दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र(Best IVF center in Delhi) में आपको आवश्यक सहायता और मार्गदर्शन दोनों मिलेगा।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्र.1. क्या आईवीएफ 100 प्रतिशत सफल है?
उत्तर – आपको बता दें कि आईवीएफ की सफलता कई कारकों पर निर्भर करता है, और उन्हीं कारकों में से एक है उम्र और आईवीएफ चक्र। अगर कोई महिला 35 से 37 की उम्र में आईवीएफ इलाज करवाती हैं तो उनकी सफलता ज्यादा होता है, और जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है सफलता दर कम होता जाता है।
प्र.2. क्या आईवीएफ 100% गारंटीड है?
उत्तर- जहां तक बात है है आईवीएफ इलाज की तो इसकी कोई गारंटी नहीं होती है, और नाही कोई आपको गारंटीड के साथ कह सकता है कि वो आपके रिजल्ट देगा। दरअसल, मेडिकल क्षेत्र में गारंटी की कोई जगह नहीं होती है।
प्र.3. क्या आईवीएफ पहली बार सफल हुआ है?
उत्तर- हां, पहली बार में आईवीएफ सफलता दर भी बेहतर है। 2020 में सीडीसी द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 35 की उम्र से कम महिलाओं में आईवीएफ पहली चक्र में सफलता दर 55.1% है।
प्र.4 आईवीएफ कितनी बार में सफलता होती है?
उत्तर – आमतौर पर, आईवीएफ की पहली चक्र में सफलता दर लगभग 35 से 40 प्रतिशत तक रहती है लेकिन सही सेंटर का चुनाव सफलता दर को 70 प्रतिशत तक भी बढ़ा सकती है। 60 से 70 प्रतिशत मामलों में कपल्स को पहली बार में ही सफलता मिल जाती है, जबकि कुछ मामलों में दूसरी या तीसरी बार में यह प्रक्रिया सफल होती है।
प्र.5. आईवीएफ में टोटल कितना खर्चा लगता है?
उत्तर – आईवीएफ लागत मरीज के कंडीशन और सफलता को देखते हुए बदलता रहता है। इसके अलावा हरेक अस्पताल में अलग-अलग लागत है, लेकिन बेबी जॉय आईवीएफ सेंटर में 68,000 से शुरु होता है, और आपको यहां से इलाज करवाने ऑफर भी मिलेगा।
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