आप बांझपन की जांच करने का सही समय क्या है?


आज के दौर में भारत में शादी प्रचलन लगभग बदल चुका है क्योंकि आज का युवा पहले करीयर पर फोकस करता है, फिर बाद में शादी और परिवार को प्राथमिकता देता है। ऐसे में ज्यादातर लोग 28-30 की उम्र में शादी करते हैं और फिर परिवार के बारे में सोचते हैं लेकिन असल समस्या तब शुरू होती है जब कपल्स निसंतानता की वजह से परिवार पूरा करने में असमर्थ रहता है। इस परिस्थति में आपके मन में सवाल उठता है कि बांझपन की जांच करने का सही समय क्या है
? अगर आप भी इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रहे हैं तो आप दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) में इसका इलाज करवा सकते हैं।

आमतौर पर संतानप्राप्ती के लिए लोग प्राकृतिक तरीके को चुनते हैं लेकिन बांझपन के मामले में ऐसा कोई भी तरीका काम नहीं आता है। ऐसे में आपके पास विकल्प बचता है कि आप बांझपन का परीक्षण करवायें जिससे पता चल सके कि बांझपन की समस्या किस वजह से है। कई बार बांझपन की समस्या कपल्स में अनुवांशिक होने की वजह से भी होता है। एक बात जो आपको समझनी चाहिए कि बांझपन कि समस्या कपल्स में पुरूष या महिला पार्टनर किसी के वजह से भी हो सकता है, तो मुमकिन है कि बांझपन की जांच से आप दोनों को गुजरना पड़ सकता है।

अगर आप निसंतानता की वजह से आईवीएफ इलाज करवाने जाते हैं तो इलाज से पहले कपल्स की जांच की जाती है। इसमें कई अलग तरह के जांच शामील होते हैं और लगभग सभी जांच आपके लिए जरूरी होता है क्योंकि इन्हीं जांचों से पता चलता है कि कपल्स में बांझपन की समस्या किसके वजह से है और क्यों है। आप जानकर हैरान हो जाएंगे लेकिन हमने आपको ऊपर संकेत दिया है कि बांझपन की समस्या के कई अलग कारण हो सकते हैं, जैसे - फैलोपियन ट्यूब के क्षतिग्रस्त होने की वजह से, पीसीओएस रोग या फिर असंतुलित हार्मोन के वजह से।

प्रजनन क्षमता परीक्षण किसे करवाना चाहिए?

जैसा हमने आपको बताया है कि एक कपल में बांझपन की समस्या किसी के वजह से भी हो सकता है, और कपल में दोनों पार्टनर को जांच करवाना पड़ेगा। अब सवाल है किसे करवाना चाहिए प्रजनन क्षमता परीक्षण, तो आपको बता दें कि इसमें कुछ कंडीशन अप्लाई होते हैं और उन्हें ही परीक्षण से गुजरना पड़ेगा। जानते हैं कंडीशन को,

  • अगर उम्र 35 से कम है और आपने 12 महीनो तक, या फिर 35 वर्ष से अधिक होने पर छह महीने तक सेक्स किया हो लेकिन गर्भवती होने में असमर्थ महिलाओं को,

  • फैलोपियन ट्यूब, अंडाशय या गर्भाशय की प्रजनन प्रणाली में किसी समस्या से ग्रसीत महिला को,

  • भारी या अनियमित मासिक धर्म होने के वजह से बार-बार गर्भपात होना।

  • पेल्विक सूजन की बीमारी, पेल्विक दर्द या एंडोमेट्रियोसिस का इतिहास।

  • अत्यधिक धूम्रपान से शुक्राणु के संख्या और गुणवत्ता का प्रभावित होने।

आइए जानते हैं आप बांझपन की जांच करने का सही समय क्या है?

हम सभी जानते हैं कि पुरूष हो या फिर महिला, समय के साथ प्रजनन क्षमता धीर-धीरे प्रभावित होने लगती है। ऐसे में एक कपल के तौर पर आपने संतानप्राप्ती के लिए 35 से कम उम्र में 12 महीने तक सेक्स किया है, और 35 की उम्र के बाद लगातार 6 महीने तक सेक्स किया है लेकिन फिर भी आप गर्भधारण करने में असफल रही हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 35 से 37 की उम्र में प्राकृतिक रूप से या फिर आईवीएफ की मदद से गर्भधारण मुमकिन है। अगर आप इसमें समय लगाते हैं तो आपको कई जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

महिलाओं के लिए प्रजनन परीक्षण(Fertility Tests for Women)

चिकित्सा इतिहास का आकलन(Medical History Assessment) आमतौर पर जब आप निसंतानता की वजह से डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर सबसे पहले आपसे मेडिकल इतिहास के बारे में पुछता है। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया है कि कई बार बांझपन की समस्या अनुवांशिक होती है, ऐसे में डॉक्टर के लिए जानना जरूरी हो जाता है कि आपके साथ ऐसा कुछ तो नहीं है या फिर किसी सर्जरी कि वजह से गर्भाशय को बाहर निकाला गया हो।

सोनोग्राम(Sonogram) – आमतौर पर सोनोग्राम को इस्तेमाल करके डॉक्टर महिला के पेल्विक क्षेत्र के बारे में पता करता है। जिससे यह पता चल सके कि पेल्विक के आसपास किसी तरह की समस्या तो नहीं है, क्योंकि कई महिलाओं के पेल्विक में सिस्ट की समस्या उत्पन्न हो जाती है और इस तरह के सिस्ट अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा को भी प्रभावित करती है। जिससे गर्भधारण कर पाना मुश्किल हो जाता है।

हार्मोन रक्त परीक्षण(Hormone Blood Tests) – गर्भधारण करने के लिए जरूरी हो सकता है कि आपके अंदर संतुलित हार्मोन होना जरूरी होता है। रक्त में हार्मोन के स्तर को जानने के लिए मासिक धर्म के दौरान अलग-अलग वक्त पर रक्त परीक्षण करना होता है। आपको बता दें कि एक अंडे के परिपक्व होने के लिए और नियमित रूप से अंडाशय से एक अंडे को रिलीज करने के लिए, हार्मोन का स्तर संतुलित होना जरूरी होता है।

ओवेरियन रिजर्व जांच(Ovarian Reserve Test) आमतौर पर इस तरह की जांच तब कि जाती है जब महिला में अंडो के उत्पादन या फिर अंडो के पर्याप्त मात्रा में न हो। ओवेरिजन रिजर्व जांच में अल्ट्रासाउंड या रक्त परिक्षण के मदद से पता लगाया जाता है कि महिला के अंडाशय में संभावित अंडो की संख्या के बारे में। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है प्रजनन क्षमता प्रभावित होने लगता है, और महिलाओं में अंडो का उत्पादन कम होने लगता है।

अगर आप भी बांझपन की समस्या का इलाज कराना चाहते हैं तो दिल्ली में आईवीएफ लागत(IVF cost in Delhi) आपके लिए उचित रहेगा।

लेप्रोस्कोपी(Laparoscopy) – यह एक प्रकार की सर्जरी है जिसमें एक महिला के नाभी को चिरा जाता है। इस सर्जरी के मदद से गर्भाशय फाइब्रॉएड, डिम्बग्रंथि अल्सर और एंडोमेट्रियोसिस जैसे समस्याओं को मुल्यांकन किया जाता है और इसका इलाज किया जाता है। गर्भाशय फाइब्रॉएड और डिम्बग्रंथि अल्सर जैसे कारक आपको प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में समस्या पैदा करते हैं, जिसके वजह आपको निसंतानता से जुझना पड़ता है।

हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राम(Hysterosalpingogram) – कई बार महिलाओं में बांझपन की समस्या फैलोपियन ट्यूब के क्षतिग्रस्त हो जाने या फिर गर्भाशय से जुड़ी समस्या के वजह से होता है। ऐसे में इन समस्याओं के बारे में जानने के लिए हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राम का सहारा लेना पड़ता है। इसके मदद से महिला की फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय की एक्स-रे छवि का उपयोग करके डॉक्टर समस्या को जान पाते हैं।

निष्कर्ष(Conclusion)

आपके लिए जरूरी हो जाता है कि आप सही समय के साथ बांझपन की जांच करवायें। अगर आप 35 से कम उम्र मे 12 महीनो तक और 35 की उम्र से ज्यादा होने के 6 महीनो तक प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में असमर्थ रहते हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बांझपन की वजह और समस्या को जानने के लिए कपल में दोनों पार्टनर को जांच करवाना जरूरी है। बांझपन की जांच के लिए मार्केट में कई तरह के जांच उपलब्ध हैं, जिसके मदद से यह पता लागाया जा सकता है कि बांझपन की समस्या कपल्स में किसकी वजह से है और बांझपन की वजह क्या है। अगर आप भी इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रहे हैं तो आप दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) में इसका इलाज करवा सकते हैं।

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) 

प्र.1. प्रजनन क्षमता जांचने का सबसे अच्छा समय कब है?

उत्तर- प्रजनन क्षमता जांच को एक प्रक्रिया के तौर पर समझ सकते हैं, क्योंकि इस तरह की प्रक्रिया में समय लगता है। 

  • दिन 1: आपके मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव का पहला दिन। यह दिन आपकी प्रजनन क्षमता मूल्यांकन प्रक्रिया की आधिकारिक शुरुआत का संकेत देता है।

  • दिन 2-5: डिम्बग्रंथि रिजर्व परीक्षण।

  • दिन 5-10: फैलोपियन ट्यूब की जांच।

  • दिन 10-14: गर्भाशय की परत का आकलन।

  • दिन 21: प्रोजेस्टेरोन मापने के लिए रक्त परीक्षण।

प्र.2. मुझे कब जांच करनी चाहिए कि मैं बांझ हूं या नहीं?

उत्तर- आमतौर पर, इस तरह की जांच से पहले डॉक्टर आपको सलाह देते हैं कि अगर 35 वर्ष से कम आयु की हैं तो 12 महीने तक और अगर 35 की उम्र से ज्यादा हैं तो 6 महीने तक प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने की सलाह दी जाती है। अगर आप फिर भी सफल नहीं होती हैं तो आप जांच करवा सकती।

प्र.3. मैं अपनी प्रजनन तिथि कैसे जान सकती हूं?

उत्तर- आपके मासिक धर्म चक्र की लंबाई आपके आखिरी मासिक धर्म में रक्तस्राव के पहले दिन से लेकर आपके अगले मासिक धर्म में रक्तस्राव के पहले दिन तक के दिनों की संख्या है। इस आंकड़े से, आपके ओव्यूलेट होने का अनुमानित दिन निर्धारित करने के लिए अपने वर्तमान चक्र के अंत से 14 दिन घटाएं।

प्र.4. बांझपन के लक्षण कब शुरू होते हैं?

उत्तर - बांझपन का मुख्य लक्षण नियमित, असुरक्षित यौन संबंध के छह महीने या एक वर्ष के बाद गर्भवती होने में असमर्थ होना है। हो सकता है कि आपको कोई अन्य लक्षण न हों। लेकिन कुछ लोगों में शारीरिक लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे: पेल्विक या पेट में दर्द।

प्र.5. आपको कैसे पता चलेगा कि आपकी प्रजनन क्षमता अधिक है?

उत्तर - नियमित मासिक धर्म चक्र और उच्च एंट्रल फॉलिकल काउंट उच्च प्रजनन क्षमता के संकेत हैं। पेरिमेनोपॉज़, फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियोसिस गर्भधारण और गर्भावस्था को बनाए रखना अधिक कठिन बना सकते हैं।


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