क्यों बढ़ रहे हैं आईवीएफ के केस?



क्यों बढ़ रहे हैं आईवीएफ के केस? दरअसल, इस सवाल का जवाब हम सभी जानते हैं कि आज के इस संघर्षरत समाज में अपनी स्थान बनाने में लगे लोग, परिवार और बच्चों को लेकर प्लानिंग नहीं कर पाते हैं। ऐसे में जबतक शादी करते हैं और परिवार को लेकर सोचना शुरु करते हैं, तबतक काफी समय बित चुका होता है। अगर आप भी शुक्राणु संबंधी समस्या को लेकर बांझपन की समस्या से ग्रसीत हैं तो दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF center in Gurgaon) में इलाज करवा सकते हैं।

ऐसा नहीं कह रहे हैं कि करीयर बनाने में लगने वाला समय आईवीएफ के बढ़ते केस का कारण है, लेकिन करीयर के साथ-साथ परिवार और बच्चे के बारे में सोचना भी आपकी ही जिम्मेदारी है। इसके अलावा आज लोगों का पैशन भी एक कारण है जिसकी वजह से आईवीएफ केस बढ़ रहे हैं। पैशन जैसे – धूम्रपान और शराब का सेवन, फास्ट फुड का सेवन और स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही। 

ऐसे में संतानप्राप्ती के लिए लोगों के पास एकमात्र सहारा बचता है आईवीएफ उपचार। बढ़ते समय के साथ आईवीएफ उपचार की मांग में बहुत तेजी आई है, और इस उपचार से आज लाखों परिवार संतानप्राप्ती की खुशी मना रहे हैं।

कई बार एक कपल में बांझपन की समस्या की वजह पुरूष पार्टनर भी होता है। अगर कोई पुरूष पार्टनर धूम्रपान और शराब का सेवन करता है, तो इसका सीधा असर शुक्राणु पर पड़ता है। जिससे शुक्राणु गुणवत्ता, संख्या और गतिशीलता को प्रभावित करता है जिससे बांझपन की समस्या पैदा हो सकती है। इसके अलावा महिलाओं में असंतुलित हार्मोन भी बांझपन का एक कारण है। 

असंतुलित हार्मोन की वजह से महिलाओं में कई तरह की समस्याओं की वजह बन सकता है, जैसे पीसीओएस और ओवेरी सिस्ट। आईवीएफ के केस क्यों बढ़ रहे हैं, इसके जवाब के लिए हमें हरेक पहलुओं पर नजर डालना होगा। 

क्यों बढ़ रहे हैं आईवीएफ के केस की पहलुओं को देखते हैं।

2016 में प्रकाशित एक डेटा के अनुसार भारत में केवल 50 प्रतिशत लोगों को ही आईवीएफ के बारे में पता था। लेकिन आज के समय में आंकड़ा बढ़ कर 80 प्रतिशत हो गया है, और साथ में आईवीएफ की मांग भी बढ़ी है।

गर्भधारण की उम्र(Age of Conception) – किसी भी लड़की या महिला में गर्भधारण करने का बेस्ट समय 20 से 30 की उम्र के बीच में होता है। लेकिन आज के समय में बहुत ही कम ऐसा देखने के लिए मिलता है कि कोई लड़की या लड़का इस उम्र में शादी करता हो। आज कि बात करें तो एक लड़का या लड़की में से कोई भी शादी से पहले वित्तीय तरीके और स्टेबिलिटी को प्राथमिकता देते हैं।

लगभग दो दशक पहले की बात करें तो समाज में शादी की उम्र 18-22 साल हुआ करती थी, और इस वजह से महिलाएं उचित समय पर मां बन जाती थी। लेकिन आज के समय में शादी प्राथमिकता की लिस्ट में काफी नीचे आता है और इसमें समय लग जाता है जिसके वजह से गर्भधारण की उम्र भी बढ़ गई।

खराब लाइफस्टाइल(Bad Lifestyle) - क्यों बढ़ रहे हैं आईवीएफ के केस? का एक कारण लोगों का खराब लाइफस्टाइल भी है। आज के लोगों खाने के नाम पर सबसे ज्यादा जंक फुड और फास्ट फुड को पसंद करते हैं। जबकी हम सभी जानते हैं, और स्क्रोल करते रील्स में भी बताया जाता है कि फास्ट फुड या फिर जंक फुड का सेवन हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, जिसके वजह हम रोगों का घर बन सकते हैं। जिससे आपका प्रजनन क्षमता प्रभावित होता है, और आपको इनफर्टिलिटी के तरफ धकेलता है।

इसके अलावा अगर आपका पार्टनर धूम्रपान और शराब का सेवन करता है तो यह भी इनफर्टिलिटी का एक प्रमुख कारण है, और आज के लाइफस्टाइल में शराब का सेवन लड़का और लड़की दोनों में बहुत ही सामान्य है।

एकाधिक यौन पार्टनर का होना(having multiple sexual partners) – आज के इस ओपन समाज में चीजें बहुत तेजी से बदली है, और एक से अधिक यौन पार्टनर का कांसेप्ट देखने के लिए मिल रहा है। आईवीएफ के बढ़ते केस में एक कारण एक से अधिक यौन पार्टनर का होना भी है, क्योंकि एक से अधिक यौन पार्टनर होने पर यौन रूप से संक्रामित संक्रमण का डर रहता है। इस तरह के संक्रमण आपको इनफर्टिलिटी के तरफ धकेलता है, और संतानप्राप्ती के लिए आपको आईवीएफ का सहारा लेना पड़ता है।

प्रदुषण(Pollution) – यह जानकर आप अचंभीत होगें लेकिन यकिन मानिये प्रदुषण स्वास्थ्य को प्रभावित करता ही है, लेकिन साथ में प्रदुषण इनफर्टिलिटी का भी एक कारण है। जिस तरह से वायु प्रदुषण हमारे फेफड़ों के लिए हानिकारक है, ठीक वैसे ही प्रदुषण हमारे फर्टिलिटी को प्रभावित करता है। एक अध्ययन के अनुसार पार्टिकुलेट मैटर प्रदूषण का महिला प्रजनन क्षमता पर गहरा प्रभाव होता है। बात करें पुरूष कि तो प्रदुषण का प्रभाव उनके शुक्राणु की संख्याओं और वीर्य गुणवत्ता को प्रभावित करता है, और यौन की इच्छा को भी खत्म कर देता है।

अगर इस जीवनशैली को अनुशासनहिन कहा जाए तो शायद गलत नहीं होगा, और इस तरह की जीवनशैली आपको इनफर्टिलिटी के तरफ धकेलती है। जिसके वजह से संतानप्राप्ती मुश्किल हो जाता है और एक परिवार को पूरा करने के लिए बच्चे का होना बहुत ही जरूरी है। इसके अलावा तनावपूर्ण जीवन व्यतीत करने से भी आप में इनफर्टिलिटी कि शिकात हो सकती है। अगर आप संतानप्राप्ती के लिए आईवीएफ उपचार कराना चाहते हैं, तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Cost in Gurgaon) आपके लिए किफायती होगा।

निष्कर्ष(Conclusion)

अगर सरल भाषा में कहें तो लोगों के अनुशासनहिन जीवन का नतीजा है कि आज आईवीएफ की मांग या फिर आईवीएफ के केस बढ़ रहे हैं। आज पूरे भारत में हजारों के तदाद में आईवीएफ क्लिनिक या अस्पाल मौजूद हैं, और ये संख्या यह बताने के लिए काफी है कि लोगों में आज इनफर्टिलिटी की समस्या बहुत ही सामान्य हो गया है।

आईवीएफ के बढ़ रहे है केस का कारण है, गर्भधारण की उम्र, खराब लाइफस्टाइल, एकाधिक यौन पार्टनर का होना और प्रदुषण जैसे कारक हमारी फर्टिलिटी को प्रभावित करते हैं। जिससे संतानप्राप्ती के लिए आईवीएफ मांग बढ़ गई है, और कहीं-न-कहीं आईवीएफ लोगों के लिए एक वरदान बनकर उभरा है। अगर आप भी शुक्राणु संबंधी समस्या को लेकर बांझपन की समस्या से ग्रसीत हैं तो दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र(Best IVF doctors in Gurgaon) में इलाज करवा सकते हैं।

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) 

प्र.1. आईवीएफ क्यों बढ़ रहा है?

उत्तर- आमतौर पर इस तरह की सवाल का जवाब बांझपन होता है, लेकिन आज के समय में इसकी बढ़ती मांग की वजह बदलती जीवनशैली, तनाव, बाहरी वातावरण और कई अन्य कारक शामिल हैं। जिसके वजह से आज के समय में आईवीएफ की मांग बढ़ी है।

प्र.2. आईवीएफ इलाज से पहले खुद को कैसे तैयार करें?

उत्तर- इसके लिए आपको कुछ विशेष कारकों पर ध्यान देना होगा, जिससे आपको आईवीएफ इलाज में सफलता मिल सके। जैसे में – पौष्टीक आहार का सेवन, अनुशासित जीवनशैली, उचित वजन का होना और स्वास्थ्य।

प्र.3. क्या आईवीएफ बेबी की डिलीवरी नॉर्मल हो सकती है?

उत्तर- आपको बता दें कि आईवीएफ और प्राकृतिक रूप से गर्भधारण में फर्क होता है, तो ऐसा सोचना कि उनके डिलीवरी का तरीका भी अलग होगा गलत है। आईवीएफ बेबी की डिलीवरी नॉर्मल हो सकती है।  

प्र.4 आईवीएफ का सक्सेस रेट कितना है?

उत्तर- आईवीएफ की सफलता कई विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, लेकिन आईवीएफ सक्सेस रेट की बात करें तो आईवीएफ क्लिनिक या अस्पताल पर निर्भर करता है। बात करें बेबी जॉय आईवीएफ सेंटर कि तो इस संस्था की सफलता दर 71 प्रतिशत है।

प्र.5. फर्टिलिटी को मजबूत कैसे बनाएं?

उत्तर- फर्टिलिटी को मजबूत बनाने के लिए आपको कुछ कारकों पर काम करना होगा। जैसे तनाव से दूर रहें, शराब और धूम्रपान के सेवन से दूर रहें, पौष्टीक आहार का सेवन और अनुशासित जीवन की ओर अग्रसर हों।

Comments

Popular posts from this blog

5 Things You Must Discuss With IVF Experts at Top IVF Centre In Delhi

Difference between IVF and ICSI by Best IVF Center in Delhi

7 Proven Tips to Avoid Bad IVF Clinics & Doctors by best IVF clinic in Delhi