गर्भाशय में रसौली/गांठ के क्या कारण हो सकते हैं और इसका उपचार?

 

   


गर्भाशय में रसौली/गांठ के क्या कारण हो सकते हैं और इसका उपचार? आप में से बहुत ही कम लोगों ने रसौली के बारे में सुना होगा।


एक महिला के लिए गर्भावस्था हासिल कर पाना किसी परीक्षा से कम नहीं होता है, क्योंकि ऐसा पाया गया है कि गर्भाशय में रसौली की समस्या एस्ट्रोजन हार्मोन के बढ़ने से होता है। अगर आप भी इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रहे हैं तो आप दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Gurgaon) में इसका इलाज करवा सकते हैं।  

एस्ट्रोजन हार्मोन शरीर में सेक्स हार्मोन बढ़ाने का काम करता है। ऐसे में अगर शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन शरीर में कम होता है तो रसौली की समस्या दूर हो सकती है, लेकिन गर्भधारण में दिक्कत आ सकती है। रसौली की समस्या सामान्यतः उन महिलाओं में पाया जाता है, जिनमें एस्ट्रोजन अधिक होता है। गर्भाशय में रसौली/गांठ के क्या कारण हो सकते हैं और इसका उपचार? हालांकि, कुछ सवाल अभी भी बने हुए हैं, जैसे रसौली क्या है, रसौली के कारण और रसौली का इलाज क्या है?

आईए जानते हैं गर्भाशय में रसौली/गांठ के क्या कारण हो सकते हैं और इसका उपचार?

रसौली क्या है

रसौली(फायब्रॉइड्स) एक सामान्य प्रकार का ट्यूमर है जो गर्भाश्य के मांसपेशियों में स्थित होता है। आमतौर पर जब गर्भाश्य के मांसपेशियों एक से ज्यादा गांठ पड़ने पर रसौली की समस्या होती है। सरल शब्दों में कहा जाए रसौली सामान्य प्रकार का गैर-कैंसरयुक्त ट्यूमर है जो आपके गर्भाशय में बढ़ता है। सभी प्रकार के रसौली ट्यूमर में आपको लक्षण देखने के लिए नहीं मिलेगी, लेकिन जब गर्भाश्य के मांसपेशियों में रसौली ट्यूमर बढ़ जाता है तो आपको भारी मासिक धर्म रक्तस्राव, पीठ दर्द, बार-बार पेशाब आना और सेक्स के दौरान दर्द जैसे दिक्कतों का अनुभव करेंगे।

अगर रसौली/गांठ छोटे हैं तो दिक्कत की कोई बात नहीं है लेकिन अगर रसौली का आकार बढ़ गया तो आपको दवा या फिर सर्जरी कराना पड़ सकता है। एक बार रसौली होने के बाद, यह मेनोपॉज के बाद भी शरीर में रहती है।  

रसौली के प्रकार (Types of fibroids)

रसौली के कई प्रकार हैं उनके बीच अंतर इस बात पर निर्भर करता है कि गर्भाश्य में कहां स्थित हैं, और किसके साथ जुड़ा हुआ है। जो भी महिलाएं मोटोपा से ग्रसीत होती हैं उनमें रसौली के समस्या की संभावना अधिक रहती है।

  • इंट्राम्यूरल फाइब्रॉएड

  • सबम्यूकोसल फाइब्रॉएड

  • सबसेरोसल फाइब्रॉएड

  • पेडुंक्युलेटेड फाइब्रॉएड

रसौली होने की कारण(Cause of fibroids)

हमने आपको ऊपर भी बताया कि इस तरह की समस्या किसी महिला में एस्ट्रोजन हार्मोन के बढ़ने से होता है। और इस तरह की समस्या ज्यादातर उम महिलाओं में पाई जाती है जिनमें एस्ट्रोजन अत्यधिक होती है। एक महिला में रसौली की समस्या 25 से 40 की उम्र के बीच में होती है। हालांकि, इसके अलावा और भी कई वजह हैं जिसके वजह से गर्भाश्य में रसौली की समस्या होती है। रसौली के कारण निम्नलिखित हैः

हार्मोन(Hormone) – रसौली के कारण में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन प्रमुख भुमिका निभाता है। इन हार्मोन के बढ़ जाने की वजह से रसौली की समस्या होती है। रसौली एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को अब्सॉर्ब करने का काम है जिससे रसौली का आकार पहले की तुलना में ज्यादा बढ़ जाता है।

आनुवांशिक(Genetic) – रसौली की समस्या ज्यादातर मामलों में अनुवांशिक ही होती है। अगर आपके परिवार में किसी महिला को पहले से यह दिक्कत है तो मुमकिन है कि आपको भी हो सकता है।

अन्य कारण(Other reason) – जैसे में

  • वजन में कमी,

  • कम उम्र में पीरियड होना,

  • मांस और शराब का अत्यधिक सेवन,

  • गर्भनिरोधक दवाइयों का इस्तेमाल,

  • शरीर में विटामिन डी की मात्रा में कमी।  

रसौली का लक्षण(Symptoms of fibroids)

आमतौर पर छोटे गांठ/रसौली को लेकर आपको लक्षण के बारे में पता नहीं चलता है, और इसलिए छोटे रसौली के लिए उपचार की जरूरत भी नहीं पड़ती है लेकिन जब रौसली बढ़ जाता है तो आपको लक्षण दिखने लगेंगे। कुछेक लक्षण के बारे में ऊपर बताया गया है। जैसे, जब रसौली आपके मूत्राशय पर दबाव बनाता है तो बार-बार आता है। ऐसे कई लक्षण निम्नलिखित हैं,

  • सेक्स के दौरान दर्द।

  • पीठ के निचले भाग में दर्द।

  • लंबे समय तक (क्रोनिक) योनि स्राव।

  • कब्ज या आपके मलाशय पर दबाव महसूस होना।

  • शरीर में पेट के निचले हिस्से में दर्द या सूजन का एहसास होना।

  • मासिक धर्म के दौरान और बीच में अत्यधिक या दर्दनाक रक्तस्राव।

  • पेशाब करने या मूत्राशय को पूरी तरह से खाली करने में असमर्थता।

  • पेट का फैलाव (बढ़ना) बढ़ जाना, जिससे आपका पेट गर्भवती दिखने लगता है।

गर्भावस्था के दौरान गर्भाश्य में रसौली(Uterine fibroids during pregnancy)

गर्भाश्य में स्थित छोटी रसौली भी गर्भावस्था के दौरान काफी नुकसान करता है। गर्भधारण करने के बाद जैसे-जैसे गर्भावस्था में गर्भ बढ़ता है वैसे रसौली भी बढ़ता है। शुरूआती महीनों में रसौली बहुत तेजी से बढ़ता है, जिसके वजह से दर्द होता है और खुन भी निकलता है। ऐसी स्थिति में आपको अस्पताल में भर्ती भी होना पड़ सकता है। कई बार रसौली स-र्विक्स (गर्भ का निचला संकीर्ण सिरा, जो गर्भाशय को योनि से जोड़ता है) के साइड या नीचे हो जाता है, जिसके बाद बर्थ कैनाल ब्लॉक हो जाता है और ऐसे में बच्चे को बाहर निकालने के लिए सामान्य डिलिवरी की जगह पर सी-सेक्शन का उपयोग किया जाता है।   

आप भी अगर इनफर्टिलिटी की समस्या का इलाज करवाना चाहती हैं तो दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF Cost in Gurgaon) आपके लिए उचित रहने वाला है, और बेबी जॉय आईवीएफ सेंटर में अभी इलाज करवाने पर ऑफर भी उपलब्ध है।    

रसौली का इलाज(Treatment of fibroids)

रसौली का इलाज करने के लिए कई तरह के विकल्प उपलब्ध है।

गोनेडोटरोपिन रिलीजिंग हार्मोन एगोनिस्ट (Gonadotropin releasing hormone agonist) – जीआरएचए एक तरह का इलाज, इस उपचार के बाद शरीर में सेक्स हार्मोन यानी एस्ट्रोजन पर असर डालता है। जिसके बाद एस्ट्रोजन की मात्रा कम हो जाता है जिसके बाद रसौली की समस्या खत्म हो जाती है। इसके अलावा जीआरएचए मासिक धर्म को भी प्रभावित करके रोक सकती है, और सबसे अच्छी बात है कि इस इलाज से प्रजनन पर कोई असर नहीं पड़ता है। आमतौर पर इस तरह की समस्या के बाद लोगों को सर्जरी का डर रहता है लेकिन आप इस उपचार विकल्प के बारे में सोच सकते हैं।

लेवोनोर्गेस्ट्रेल इंट्रायूटरिन सिस्टम (Levonorgestrel Intrauterine System) – इस उपचार में एक प्लास्टिक डिवाइस को गर्भाशय के अंदर डाला जाता है, जिसके बाद उस पलास्टिक से लेवोनोर्गेस्ट्रेल प्रोजेस्टेरोन बनने लगता है। इस प्रोजेस्टेरोन के मदद से गर्भाश्य में तेजी से हो रहे बदलाव को रोका जा सके। इस इलाज से ब्लीडिंग की समस्या दूर हो जाती है लेकिन इसके साइड इफेक्ट की वजह से मासिक धर्म चक्र में अनियमितता, स्तनों के आकार में परिवर्तन, सर दर्द और चेहरे पर मुंहासे जैसी दिक्कतें हो सकती है।

गर्भनिरोधक गोलियां(Contraceptive pills) – ऐसा कहा जाता है कि रसौली की इलाज के तौर पर आप गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा पाया गया है कि गर्भनिरोधक गोलियां ओवुलेशन साइकिल को नियंत्रित करती है। हालांकि, कभी-कभी रसौली के मामले में गर्भनिरोधक गोलियां काम नहीं करती है, ऐसे में आप दूसरे उपचार विकल्पों के बारे में सोच सकते हैं।

सर्जरी के माध्यम से(Through surgery) – रसौली को खत्म करने का सबसे जटील और आखीरि उपाय सर्जरी है। हालांकि, सर्जरी रसौली के प्रकृति पर निर्भर करता है।

मायोमेक्टोमी(Myomectomy ) - अगर आप भविष्य में मां बनना चाहती हैं तो आप इस सर्जरी विकल्प को चुन सकते हैं। इस सर्जरी के प्रक्रिया में गर्भाशय की दीवार से रसौली को हटाया जाता है, लेकिन एक बात याद रखें की इस उपचार विकल्प का इस्तेमाल सभी रसौली के लिए नहीं है।

हिस्टोरेक्टोमी(Hysterectomy) – अगर गर्भाश्य से ब्लीडिंग ज्यादा हो रहा है तो रसौली का आकार बड़ा है। इस उपचार विकल्प का इस्तेमाल ऐसी ही परिस्थिति में किया जाता है। इस सर्जरी के प्रक्रिया में पेट काटकर गर्भाश्य को बाहर निकाला जाता है जिसके साथ रसौली भी बाहर निकल जाता है।  

निष्कर्ष(Conclusion)

रसौली एक गैर-कैंसरयुक्त ट्यूमर है जो गर्भाश्य में बढ़ता है, और रसौली का मुख्य कारण एस्ट्रोजन हार्मोन है। जिसके शरीर में बढ़ने के कारण से रसौली की समस्या होती है। रसौली के इलाज के लिए आप दवाईयों को सेवन कर सकते हैं, हार्मोनल थेरेपी और सर्जरी में से किसी को चुन सकते हैं। बेहतर इलाज लिए जरूरी हो जाता है कि आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें।अगर आप भी इनफर्टिलिटी की समस्या से जुझ रहे हैं तो आप दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Doctors in Gurgaon) में इसका इलाज करवा सकते हैं।    

पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) 

प्र.1. अगर बच्चेदानी में रसौली हो तो क्या करें?

उत्तर- अगर बच्चेदानी में रसौली हो गया है तो आपको पास दो ही विकल्प बचते हैं, पहला दवा और दूसरा सर्जरी। गोनैडोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन एगोनिस्ट(जीएआरएच) उपचार से शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन कम हो जाएंगे, जिसके बाद रसौली धीरे-धीरे खत्म हो जाता है।  

प्र.2. रसौली होने पर क्या खाना चाहिए?

उत्तर- आप आंवला का सेवन कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर और विटामिन सी रसौली की समस्या में मददगार साबित होता है। इसके सेवन से रसौली की परेशानी का बढ़ने से रोका जा सकता है।

प्र.3. रसौली का दर्द कैसे होता है?

उत्तर- रसौली में दर्द का मतलब है गर्भाश्य में दर्द। अगर रसौली की आकार बड़ी है फिर तो सामान्य से ज्यादा दर्द होगा और साथ में ब्लीडिंग भी होगी। ऐसे मामलों में आपको अस्पताल भी जाना पड़ सकता है।   

प्र.4. सर्जरी के बिना गर्भाशय रसौली कैसे निकालें?

उत्तर- अगर आप सर्जरी नहीं करवाना चाहते हैं तो कोई बात नहीं, आप दवा का इस्तेमाल करके रसौली की समस्या को दूर कर सकते हैं।

प्र.5. रसौली का दूसरा नाम क्या है?

उत्तर- गर्भाशय फाइब्रॉएड, जिसे रसौली भी कहा जाता है, महिलाओं के गर्भाशय में होने वाली एक सामान्य समस्या है। यह एक प्रकार की गर्भाशय की गांठ होती है, जो महिलाओं के गर्भाशय के भीतर विकसित होती है।


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