ओवेरियन अल्सर (Ovarian cysts) के प्रकार क्या हैं

 

ओवेरियन अल्सर(Ovarian cysts) ओवेरि में विकसीत होने वाला एक थैली (कोश) है, यह अल्सर अंडाशय के अंदर में या उसकी सतह पर विकसीत होती है और तरल पदार्थ से भरी होती हैं। ओवेरियन अल्सर का कोई लक्षण नहीं है जिससे इसके बारे में पता चल सके और फिर इसके विकसीत होने पर भी किसी तरह के दिक्कत या दर्द महसूस नहीं होता। ऐसा कहा जाता है कि ओवेरियन अल्सर ओव्युलेशन का संकेत देती है, और ये कई बार बिना किसी उपचार के ही खत्म हो जाता है लेकिन ऐसा सभी ओवेरियन अल्सर के साथ नहीं होता है। कई मामलों में यह अल्सर अंतर्निहित स्थिति के तरफ इशारा करते हैं जिसमें इलाज की जरूरत पड़ती है। ओवेरियन अल्सर इलाज के लिए आप दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi with Price) की सहायता ले सकते हैं।

जैसा की हमनेआपको बताया कि ओवेरियन अल्सर के मामले में आपको कोई लक्षण नहीं दिखता है और ऐसे में आपके लिए यह जानना की ओवेरियन अल्सर है या नहीं। उसका एक ही रास्ता है, जब तक कि आपका प्रदाता नियमित पेल्विक परीक्षा या इमेजिंग प्रक्रिया के दौरान इसे नहीं ढूंढ लेता। इस तरह के टेस्ट के मदद से ही आप जान पायेंगे कि ओवेरियन अल्सर के बारे में, हालांकि ये दर्दरहीत है और नुकसानदेह भी नहीं होता है। इसलिए शायद ओवेरियन अल्सर कभी भी समस्याओं की वजह नहीं बनेगा। पेल्विक परीक्षा या इमेजिंग प्रक्रिया के लिए आप दिल्ली के आईवीएफ केंद्र (IVF Centre in Delhi) में टेस्ट करवा सकते हैं।

ओवेरियन अल्सर के प्रकार क्या हैं? (Types of Ovarian cysts)

आर्टिकल के परिचय में हमने आपको बताया कि ओवेरियन अल्सर आमतौर पर नुकसान नहीं पहुंचाता है लेकिन कुछ मामलों में बचकर रहने की जरूरत है। और इसलिए ओवेरियन अल्सर को उसके काम के अनुसार दो भागों में बांटा गया है, कार्यात्मक अल्सर और अन्य अल्सर।

कार्यात्मक अल्सर (Functional cysts) 

ओवेरियन अल्सर के इस प्रकार को सबसे सामान्य रूप माना जाता है, जो आप के लिए किसी भी तरह से नुकसानदेह साबित नहीं होता है। कार्यात्मक अल्सर के होने से ओव्युलेशन के बारे में पता चलता है, और साथ में इससे पता चलता है कि आपका अंडाशय सही तरीके से काम करता है। कार्यात्मक अल्सर आमतौर पर 60 दिनों के अंदर विकसीत होता है और फिर बिना किसी उपचार के विलय हो जाता है। कार्यात्मक अल्सर को दो भागों में बांटा गया है, फॉलिक्यूलर अल्सर और कॉर्पस ल्यूटियम अल्सर।

फॉलिक्यूलर अल्सर (Follicular cyst) -  आमतौर पर मासिक धर्म के समय पर अंडाशय में स्थित छोटी सी थैली हर महिने एक अंडा छोड़ती है, जिसे फॉलिकल कहते हैं। फॉलिक्यूलर अल्सर तब बनती है जब फॉलिकल अंडा नहीं छोड़ता है और इसका आकार बढ़ने लगता है।

कॉर्पस ल्यूटियम अल्सर (Corpus luteum cyst) – फॉलिकल अंडा छोड़ने के बाद सिकुड़ जाता है और फिर एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोम का उत्पादन शुरू कर देता है। इस तरह के हार्मोन गर्भधारण में सहायक साबित होते हैं, इस प्रक्रिया केबाद फॉलिकल को कॉर्पस ल्यूटियम कहा जाता है। कई बार जिस रास्ते से अंडा आता है उसके ब्लॉक हो जाने के बाद कॉर्पस ल्यूटियम के अंदर तरल पदार्थ जमा होने लगता है, और इस तरल पदार्थ से अल्सर बनता है। ऐसा कहा जाता है कि कार्यात्मक अल्सर हानिरहीत है और 2 से 3 मासिक धर्म चक्र के बाद खत्म हो जाता है।  

अन्य अल्सर

इस अल्सर में और भी कई तरह के अल्सर आते हैं जिनका मासिक धर्म चक्र से कोई मतलब नहीं होता है।        

त्वचा सम्बन्धी अल्सर (Dermoid cyst) - अल्सर के इस भाग को दूसरे शब्द में टेराटोमा भी कहते हैं। यह अल्सर अंडाशय में बनने वाले अंडे की प्रजनन कोशिकाओं से मिलकर बनता है। इस अल्सर में बाल, त्वचा या दांत जैसे अंगों के ऊतक मौजुद हो सकते हैं। 

सिस्टेडेनोमा (Cystadenoma) - इस प्रकार की अल्सर अंडाशय की सतह पर मौजुद कोशिकाओं से विकसित होती है। अल्सर पानी या श्लेष्मा नामक पदार्थ से भरी होती है। सिस्टेडेनोमा आकार में बहुत बड़ा हो सकता है।

एंडोमेट्रियोमा (Endometrioma) - एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसकी वजह से गर्भाशय के अंदर की रेखा वाली कोशिकाओं गर्भाशय के बाहर तक बढ़ने लगती हैं। इसी में से कुछ ऊतक अंडाशय से जुड़कर अल्सर का निर्माण करते हैं, और इसे ही एंडोमेट्रियोमा कहा जाता है।

निष्कर्ष

ओवेरियन अल्सर एक थैली है जो ओवेरि में विकसीत होती है, और इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि  इसका कोई लक्षण या इससे किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है। ओवेरियन अल्सर के दो मुख्य प्रकार हैं, कार्यात्मक अल्सर और अन्य अल्सर। कार्यात्मक अल्सर, जो सीधे तौर पर मासिक धर्म चक्र से जुड़ा हुआ है, और खुद-ब-खुद खत्म भी हो जाता है। जबकी अन्य अल्सर में आपको सतर्क रहने की जरूरत है, और शायद आपको उपचार भी कराना पड़ सकता है। आपके लिए यह जरूरी हो जाता है कि ओवेरियन अल्सर के हरेक प्रकार से वाकिफ रहें और समय आने पर चिकित्सक के पास जाकर इलाज करवायें। दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ केंद्र (Best IVF Centre in Delhi) में आप इसका इलाज करवा सकते हैं, दिल्ली में आईवीएफ लागत (IVF cost in Delhi) आपके लिए किफायती साबित होने वाली है।

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